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DNA with Sudhir Chaudhary: भूख से नहीं अब ‘मोटापे’ से मौत, Food Outlets पर नकेल कसने की तैयारी

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DNA with Sudhir Chaudhary: WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि जरूरत से ज्यादा भूख और कुछ खास किस्म के ही खाने की इच्छा यूरोप के लोगों को मृत्यु के द्वार पर पहुंचा रही है. दिनभर Food Delivery App पर कुछ ना कुछ ऑर्डर करके मंगाने और खाने से लोगों में मोटापा बढ़ रहा है. इस मोटापे से गंभीर बीमारियां पैदा हो रही हैं. स्थिति इस हद तक बिगड़ चुकी है कि मोटापे की अब महामारी से तुलना की जा रही है. मोटापे पर एक रिपोर्ट भारत में भी आई है. जिसमें बताया गया है कि यूरोप हो या भारत, मोटापा पूरी दुनिया के लिये बड़ी समस्या बन रहा है.

अब खाने की कमी से नहीं बल्कि ज्यादा खाने की वजह से होती हैं मौतें

आज से कई वर्षों पहले भारत में भूख एक बहुत बड़ा मुद्दा थी. कहते हैं फिल्में समाज का आइना होती हैं. पचास से सत्तर के दशक में हमारी फिल्मों के केंद्र में भूख होती थी. रोटी के इर्द-गिर्द फिल्म की कहानी घूमती थी. फिल्म का नायक रोटी के लिये संघर्ष करता हुआ दिखाया जाता था. देश में अकाल पड़ता था तो उसका चित्रण भी फिल्मों में होता था. अनाज जमा करने वाला और दाने-दाने को तरसाने वाला साहूकार इन फिल्मों का अहम किरदार होता था. देश की राजनीति भी रोटी-कपड़ा और मकान के नारों पर चलती थी. भूख से किसी की मौत हो जाना अखबार के फ्रंट पेज की खबर होती थी. लेकिन अब देश में सरप्लस अनाज है. हम अनाज पैदा भी कर रहे हैं और दुनियाभर में भेज भी रहे हैं. अब खाने की कमी से मौत नहीं हो रही, अब लोग ज्यादा खाने की वजह से मर रहे हैं. लोग जरूरत से ज्यादा खा रहे हैं और अपना वजन बढ़ा रहे हैं. इसके बाद जब मोटे शरीर में बीमारियां इकट्ठी हो रही हैं तो डॉक्टर और डायटीशियन के पास भाग रहे हैं.

 वर्ष 2019-21 के National Family Health Survey यानी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में बताया गया है कि

भारत में पिछले 5 वर्षों में मोटे होने वालों की संख्या 4 प्रतिशत बढ़ गई है.

महिलाओं में मोटापा बढ़कर 24 प्रतिशत हो गया है, जो पिछले सर्वे में 20 दशमलव 6 प्रतिशत था.

सर्वे में 22 दशमलव 9 प्रतिशत पुरुष मोटे पाए गये हैं जो पिछले सर्वे में 18 दशमलव 9 प्रतिशत थे.

और गांवों की बजाए शहरों में लोग तेजी से मोटे हो रहे हैं. शहरों में 33 दशमलव 2 प्रतिशत जबकि गांवों में 19 दशमलव 7 प्रतिशत लोग मोटापे से परेशान मिले.

खाना अब एक कॉल की दूरी पर

इस सर्वे में देश का कोई राज्य नहीं मिला, जहां लोगों ने मोटापे पर काबू किया हो. सबसे खास बात जो आप देखेंगे कि गांवों की तुलना में शहरों के लोग ज्यादा तेजी से मोटे हो रहे हैं. इस सर्वे में मोटापे को कारणों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. मोटापे का सीधा संबंध हमारे खाने की आदतों से है. आप क्या खा रहे हैं, कैसा खा रहे हैं और कितना खा रहे हैं. इसपर निर्भर करता है कि आप मोटे होंगे या नहीं. इसके अलावा ये भी है कि खाने को पचाने के लिए आप कितनी एक्सरसाइज या कितना परिश्रम करते हैं. आमतौर पर लोग दिन में दो बार खाना खाते हैं और एक या दो बार नाश्ता करते हैं. लेकिन आजकल एक फोन कॉल पर घर आ जाने वाले फूड आइटम्स ने खाने-पीने का चलन बिगाड़ दिया है. आपके मोबाइल में तरह-तरह के Food Items Application से आप किसी भी वक्त कुछ मंगा लेते हैं. आपके एक मोबाइल कॉल से थोड़ी देर में पिज्जा और बर्गर आप तक पहुंच जाता है. इसके बाद कोई हिसाब नहीं रहता कि आप कितना खा चुके हैं.

WHO ने यूरोप में जो सर्वे किया है, उसमें बताया है-

यूरोप के 60 प्रतिशत लोग बहुत मोटे हैं. यानी हर 10 में से 6 लोग बहुत मोटे और वजन वाले हैं.

यूरोप के हर 3 बच्चों में से 1 बहुत मोटा है. इनमें 29 प्रतिशत लड़के और 27 प्रतिशत लड़कियां हैं.

बच्चों में भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. 5 साल से कम उम्र के 8 प्रतिशत बच्चे बहुत मोटे हैं.

और इस मोटापे से यूरोप में हर वर्ष 12 लाख मौत हो रही हैं जो कुल मृत्यु का 13 प्रतिशत है.

मोटापे में टर्की पहले नंबर पर, माल्टा दूसरे नंबर पर और ब्रिटेन तीसरे नंबर पर है.

WHO के मुताबिक यूरोप में लोगों के तेजी से मोटे होने के पीछे Online Food App भी बहुत जिम्मेदार हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक दिनभर Social Media और Gaming App पर व्यस्त रहने की आदत लोगों को पहले ही परिश्रम से दूर कर रही है. इसपर Online Food App से कुछ ना कुछ मंगाकर खाते रहने से लोगों में मोटापन और बढ़ता जा रहा है और मोटापे से परेशान लोगों में हर उम्र के लोग हैं. बच्चों का खेलकूद से दूर होना, उसपर मोटे होते जाना सबसे बड़ी चिंता की बात है. आमतौर पर ऑनलाइन ऑर्डर में लोगों की पहली पसंद जंक फूड होती है. ज्यादा जंक फूड खाने के कारण शरीर में Fats, sugar और Salt यानी नमक का कॉम्बिनेशन भी बिगड़ता जा रहा है. ये भी एक वजह है जिसके कारण यूरोप के लोग तेजी से मोटे हो रहे हैं.  

मोटापे से शरीर को कितना संकट

WHO की चेतावनी है कि वर्ष 2025 तक मोटापे की बीमारी कोरोना जैसी महामारी का रूप ले सकती है. पूरी आशंका है कि आज से तीन साल बाद ज्यादातर बीमारियों की जड़ आपके शरीर का मोटापा हो. मोटापे की वजह से कैंसर के सालाना 2 लाख मरीज बढ़ सकते हैं. शरीर में 13 तरह के कैंसर होने का मुख्य कारण मोटापा हो सकता है. आने वाले समय में मोटापा कैंसर का धूम्रपान से भी बड़ा कारण हो सकता है. इसके अलावा मोटापे से Type Two Diabetes और दिल की बीमारियां और बढ़ेंगी.

नियमित हो फूड आउटलेट्स की संख्या

WHO ने इस समस्या को रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. इनमें एक सुझाव Food Outlet की संख्या कम करने का है. इसमें कहा गया है कि Food Outlets की संख्या आबादी के अनुपात में होनी चाहिए. इसके अलावा Food Products की गुणवत्ता पर कड़े नियम बनाने को भी कहा है. आमतौर पर जंक फूड में चीनी और नमक की मात्रा ज्यादा होती है. आप घर का बना खाना खाते हैं तो आपको नमक का अंदाजा रहता है, लेकिन जंक फूड में स्वाद, उसकी क्वालिटी पर हावी रहता है.

लगाई जानी चाहिए ये पाबंदियां 

इसके अलावा Buy One, get one free के ऑफर पर भी ध्यान देने को कहा गया है. अक्सर लोग एक के साथ एक फ्री के चक्कर में ज्यादा मंगा लेते हैं. हाल ही में ब्रिटेन में ये सुझाव दिया गया था कि जंक फूड की आदत को संतुलित करने के लिये वर्ष 2023 तक टीवी पर रात 9 बजे से पहले जंक फूड के विज्ञापन ना प्रसारित किए जाएं.

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