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पूर्वी भूमध्य सागर में क्यों तैयार हो रहा है युद्ध का मोर्चा? आमने-सामने हैं ये सेनाएं
ग्रीस: पूर्वी भूमध्य सागर में खनन को लेकर तुर्की के साथ बढ़ रहे टकराव के बीच ग्रीस ने देश की सेना को मजबूत करने की घोषणा की है. इसके लिए वह नए सैनिकों की भर्ती के साथ ही फाइटर जेट, नेवी फ्रिगेटस और हेलीकॉप्टरों की खरीद करेगा. साथ ही साइबर अटैक से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को ओर मजबूत करेगा.
तीनों सेनाओं के लिए 20 साल बाद खरीद करेगा ग्रीस
ग्रीस के प्रधानमंत्री क्रिआकोस मितसोताकिस ने शनिवार को यह समय देश की सेनाओं को ताकत देने का है. इसके लिए फ्रांस से 18 रफाल विमानस 4 मल्टी पर्पज नेवी फ्रिगेट्स और 4 नेवी हेलीकॉप्टरों की खरीद की जाएगी. साथ ही देश में 15 हजार नए सैनिकों की भर्ती शुरू की जाएगी. इसके साथ ही साइबर अटैक से निपटने के लिए क्षमताएं मजबूत की जाएंगी.
उन्होंने कहा नेवी में पहले से कार्यरत 4 फ्रिगेट्स को भी अपग्रेड किया जाएगा, जिससे सैकड़ों नई जॉब्स पैदा होंगी. बता दें कि ग्रीस ने इससे पहले वर्ष 2000 में बड़े पैमाने पर रक्षा खरीद की थी. उस वक्त उसने जर्मनी से टैंक और पनडुब्बी, अमेरिका के वार प्लेन और रूस से मिसाइल व हॉवरक्राफ्ट खरीदे थे. इन रक्षा खरीद में बाद में भ्रष्टाचार पाया गया था. जिसके बाद उस वक्त के दो रक्षा मंत्रियों को जेल की सजा हुई थी.
फ्रांस ने ग्रीस और साइप्रस के स्टैंड का समर्थन किया
इसी बीच फ्रांस ने तुर्की के खिलाफ ग्रीस और साइप्रस के स्टैंड का मजबूती से समर्थन किया है. फ्रांस ने ग्रीस के समर्थन में अपने वारशिप और फाइटर जेट पूर्वी भूमध्य सागर में तैनात कर दिए हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रां ने तुर्की को चेतावनी दी कि वह रेड लाइन को क्रॉस न करे. यदि उसने कोई गड़बड़ी की तो वह विवाद में ग्रीस का पूरा साथ देगा. फ्रांस के इस खुले समर्थन को छोड़कर बाकी यूरोपीय और नाटो देश अभी चुप्पी साधे हुए हैं. इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए मितसोताकिस ने कहा कि इस विवाद में उनका साथ न देकर नाटो देश नाइंसाफी कर रहे हैं.
पूर्वी भूमध्य सागर में जबरन खनन करना चाहता है तुर्की
बता दें कि तुर्की ने पिछले साल लीबिया के साथ एक समझौता किया था. जिसके बाद उसने पूर्व भूमध्य सागर में हाइड्रोकॉर्बन की खोज के लिए खनन का अधिकार मिलने का दावा किया. इसके जवाब में ग्रीस ने भी पिछले हफ्ते ऐसा ही एक समझौता इजिप्ट के साथ किया. इसके बाद से दोनों देश पूर्वी भूमध्य सागर में खनन के अधिकार को लेकर अड़े हुए हैं और एक- दूसरे के समझौतों को अवैध बता रहे हैं. इसी बीच तुर्की ने पिछले महीने जबरन तेल खोज गैस करने के लिए अपने नेवी के जहाज पिछले महीने पूर्वी भूमध्य सागर वाले इलाके में भेज दिए. जिसके जवाब में ग्रीस ने भी पूर्वी भूमध्य सागर में अपने वारशिप तैनात कर दिए हैं. ग्रीस ने पिछले महीने पूर्वी भूमध्य सागर में एक वार एक्सरसाइज भी की. जिसमें कई यूरोपीय देशों समेत संयुक्त अरब अमीरात ने भी भाग लिया.
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बंदूक की नोंक पर नहीं हो सकती बातचीत: मिससोताकिस
ग्रीस के प्रधानमंत्री मिससोताकिस ने कहा कि तुर्की पूर्वी यूरोपीय बॉर्डर पर सुरक्षा अस्थिरता के हालात पैदा कर रहा है. फ्रांस के एक अखबार में छपे लेख में मिससोताकिस ने कहा कि वे विवादों को सुलझाने के लिए तुर्की के साथ बातचीत करना चाहते हैं. लेकिन यह बातचीत बंदूक की नोंक पर नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि यदि इस बातचीत से भी हल न निकल पाए तो दोनों के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत जाने का रास्ता खुला है.
यूरोपीय संघ ने तुर्की को दी चेतावनी
उधर यूरोपीय संघ ने पूरे हालात पर चिंता जताते हुए तुर्की को संयम बरतने की नसीहत दी है. संघ की डिप्लोमेटिक चीफ जोसेफ बॉरेल ने कहा कि यदि तुर्की बातचीत के लिए राजी नहीं हुआ तो यूरोपीय संघ 24 सितंबर को होने वाली समिट पर उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है.
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