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Sri Lanka Crisis: तो क्या कल इस्तीफा देंगे गोटबाया राजपक्षे? श्रीलंका की जनता को बेसब्री से है इंतजार

Sri Lanka Crisis: देश में खराब हालात के बीच श्रीलंका के लोग अब यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) बुधवार को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के अपने वादे को पूरा करेंगे या नहीं. देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण लोगों में राजपक्षे के खिलाफ गुस्सा है. इस बीच खबर है कि राजपक्षे परिवार ने देश छोड़ने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली. 

परिवार ने की देश छोड़ने की कोशिश

CNN ने एक उच्च पदस्थ सैन्य सूत्र का हवाला देते हुए बताया कि राजपक्षे, जिनके ठिकाने का शुक्रवार से पता नहीं है, को कोलंबो हवाई अड्डे पर एक सार्वजनिक कतार में शामिल होने से उनके इनकार के बाद सोमवार को श्रीलंका छोड़ने से रोक दिया गया था. इसने कहा कि राजपक्षे के सहयोगी राष्ट्रपति और उनके परिवार के सदस्यों के 15 पासपोर्ट के साथ हवाई अड्डे पर पहुंचे – जिनमें प्रथम महिला इओमा राजपक्षे भी शामिल हैं. 

सैन्य सूत्र के अनुसार, उन्होंने सोमवार को स्थानीय समयानुसार शाम 6: 25 बजे दुबई के लिए रवाना होने वाली श्रीलंकन एयरलाइंस की उड़ान में सीट बुक की थी. सूत्र ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने राष्ट्रपति के सहयोगियों द्वारा उन्हें दिए गए पासपोर्ट को संसाधित (Processed) करने से इनकार कर दिया, क्योंकि राजपक्षे और उनका परिवार ‘क्रॉस चेक’ के लिए शारीरिक रूप से मौजूद नहीं था और आखिरकार, उड़ान राष्ट्रपति तथा उनके परिवार के बिना ही निकल गई. 

अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर ही रोका

राजपक्षे के छोटे भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने भी श्रीलंका छोड़ने की कोशिश की, लेकिन हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों (Immigration Officers) ने उन्हें रोक दिया. देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के लिए व्यापक रूप से जिम्मेदार ठहराए जा रहे 71 वर्षीय बासिल राजपक्षे (Basil Rajapaksa) ने सोमवार की रात कोलंबो हवाई अड्डे के VIP टर्मिनल के माध्यम से देश छोड़ने की कोशिश की. श्रीलंका इमिग्रेशन एंड एमिग्रेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन ने कहा कि आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें वीआईपी मंजूरी लाइन पर सेवा देने पर आपत्ति जताई और यहां तक कि दुबई जाने वाली अमीरात की उड़ान के यात्रियों ने भी देश से उनके जाने को लेकर आपत्ति जताई थी. 

भारी विरोध के चलते दिया था इस्तीफा

अमेरिकी पासपोर्ट धारक बासिल ने अप्रैल की शुरुआत में वित्त मंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया था क्योंकि ईंधन, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया था. उन्होंने जून में संसद में अपनी सीट भी छोड़ दी थी. घंटों बाद, उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) और राजपक्षे शासन के अन्य प्रभावशाली अधिकारियों को शीर्ष अदालत की पूर्व स्वीकृति के बिना देश से बाहर जाने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश की मांग की गई. समाचार पोर्टल डेली मिरर ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने वित्तीय अनियमितताओं और श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिए जाने का भी आग्रह किया. 

देश छोड़ने का संदेह

महिंदा राजपक्षे के अलावा, याचिका में बासिल राजपक्षे, सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर अजीत निवार्ड काबराल और डब्ल्यू डी लक्ष्मण तथा पूर्व वित्त सचिव एस आर अत्यगले पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया गया है. याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से 14 जुलाई को सुनवाई करने का अनुरोध किया और कहा कि यह एक गंभीर मामला है जिस पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें विश्वसनीय सूचना मिली है कि याचिका में नामित कुछ व्यक्ति देश छोड़ सकते हैं. डेली मिरर अखबार ने बताया कि इस बीच, श्रीलंकन एयरलाइंस के कर्मचारी देश के वर्तमान संकट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को श्रीलंका से बाहर जाने से रोकने के लिए दोपहर से अपनी ड्यूटी से हट गए. 

श्रीलंका की वायुसेना ने किया इन खबरों को खारिज

राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपने आाधिकारिक आवास पर प्रदर्शनकारियों द्वारा कब्जा किए जाने के कुछ दिन बाद संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे दोनों को सूचित किया है कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा दे देंगे. उम्मीद है कि अध्यक्ष अभयवर्धने बुधवार को सार्वजनिक रूप से राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की घोषणा करेंगे. इस बीच, श्रीलंका की वायुसेना ने मंगलवार को उन खबरों को खारिज किया, जिनमें दावा किया गया है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे फिलहाल एयर मार्शल सुदर्शन पथिराना के एक निजी मकान में रह रहे हैं. वायुसेना ने इन खबरों को बल की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा ‘दुष्प्रप्रचार’ करार दिया. श्रीलंका वायुसेना (एसएलएएफ) के प्रवक्ता दुशान विजेसिंघे ने कहा कि पूर्व पुलिस अधिकारी अजीत धर्मपाल द्वारा जारी एक वीडियो में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति राजपक्षे पथिराना के घर पर रह रहे हैं. 

‘द डेली मिरर’ के मुताबिक, विजेसिंघे ने कहा, ‘इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और ये श्रीलंकाई वायुसेना की छवि को खराब करने के लिए एक दुष्प्रचार भर हैं.’ वहीं, पथिराना ने भी सोशल मीडिया पर जारी इन अटकलों का खंडन किया कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने उनके निजी मकान में शरण ले रखी है. एसएलएएफ प्रमुख ने कहा कि राजपक्षे को शरण देने से संबंधित खबरें भ्रामक हैं और इनका मकसद जनता के बीच उनके और देश की वायुसेना के प्रति गुस्सा पैदा करना है. 

सरकार बनाने की कवायद तेज

इस बीच, श्रीलंका के राजनीतिक दलों ने एक सर्वदलीय सरकार बनाने तथा दिवालिया हुए राष्ट्र को अराजकता में आगे बढ़ने से रोकने के लिए 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) और पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के बीच बैठक हुई. राजनीतिक दलों ने संभावित उम्मीदवारों के समर्थन के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. एसजेबी ने कहा कि वह सजित प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त करने के लिए प्रचार करेगी. प्रेमदास ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री स्तर पर देश का नेतृत्व करने तथा अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए तैयार है. श्रीलंका के संविधान के तहत, यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों इस्तीफा देते हैं, तो संसद का अध्यक्ष अधिकतम 30 दिन के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है. संसद अपने सदस्यों में से 30 दिन के भीतर एक नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी, जो वर्तमान कार्यकाल के शेष दो वर्षों के लिए पद धारण करेगा. 

संकट के दौर से गुजर रहा श्रीलंका

श्रीलंका में राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है जहां रविवार को एक ठहराव के बाद इंडियन ऑयल कंपनी द्वारा खुदरा विक्रेताओं को ईंधन की प्रदायगी के साथ रसोई गैस का वितरण फिर से शुरू हो गया है. ईंधन पंपों पर अभी भी लंबी कतारें देखी जा रही हैं. देश में बुधवार रात से 450 ग्राम की ब्रेड के दाम 20 रुपये बढ़ जाएंगे. अन्य बेकरी उत्पादों की कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी होगी. श्रीलंका की डेली मिरर समाचार वेबसाइट ने ऑल सीलोन बेकरी ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एन के जयवर्धने के हवाले से बताया कि गेहूं के आटे के भाव में 32 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि के चलते कीमत बढ़ाने का फैसला किया गया है. उन्होंने बताया कि एक किलोग्राम गेहूं का आटा पहले बाजार में 84.50 रुपये में मिलता था, और अब उसकी कीमत बढ़कर 300 रुपये से अधिक हो गई है. इस बीच, प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में तीन मुख्य इमारतों-राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास टेंपल ट्रीज़ पर अपना कब्जा बरकरार रखा.

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